September 17, 2024

Stree 2 मूवी रिव्यू: Shraddha Kapoor की फिल्म मनोरंजन में सफल, डराने में कमजोर

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Stree 2 मूवी रिव्यू: Shraddha Kapoor की फिल्म मनोरंजन में सफल, डराने में कमजोर

हॉरर-कॉमेडी शैली में फिल्मों का एक अलग ही आकर्षण होता है, खासकर जब इसे भारतीय पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया जाए। 2018 में रिलीज़ हुई Stree एक ऐसी ही फिल्म थी जिसने इस शैली में एक नया मानदंड स्थापित किया था। फिल्म की अनूठी कहानी, दमदार प्रदर्शन और उत्कृष्ट निर्देशन ने इसे न केवल समीक्षकों से सराहा बल्कि दर्शकों के दिलों में भी जगह बनाई। ऐसे में जब Stree 2 की घोषणा की गई, तो दर्शकों की उम्मीदें काफी बढ़ गईं। लेकिन क्या यह फिल्म उन उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए जानते हैं इस विस्तृत रिव्यू में।

Stree 2 की कहानी: पुराने किरदार, नई चुनौती

फिल्म की कहानी Chanderi नामक छोटे शहर में सेट है, जहां Vicky (Rajkummar Rao), Bittu (Aparshakti Khurana), Jana (Abhishek Banerjee) और Rudra Bhaiya (Pankaj Tripathi) जैसे पुरानी टीम फिर से एक नए खतरे का सामना कर रही है। इस बार उन्हें एक नए खतरनाक भूत, Sarkata Purush (जिसे Sar Kata भी कहा जाता है), का सामना करना पड़ता है, जो महिलाओं पर हमला करता है।

Shraddha Kapoor की रहस्यमयी लड़की, जो पहले भाग में एक अज्ञात और डरावनी उपस्थिति के रूप में उभर कर आई थी, इस बार भी कहानी में मौजूद है। वह इस बार अधिक शक्तिशाली और रहस्यमयी प्रतीत होती है, लेकिन उसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है।

निर्देशन और लेखन: पुराने फॉर्मूले का दोहराव

फिल्म का निर्देशन Amar Kaushik ने किया है, जो पहली फिल्म के निर्देशक भी थे। Niren Bhatt ने Raj & DK के मूल विचार पर आधारित कहानी लिखी है। हालांकि, फिल्म का निर्देशन और लेखन में वही चमक और नवाचार नजर नहीं आता जो पहली फिल्म में था।

जहां पहली फिल्म में स्ट्री की रहस्यमयी और डरावनी उपस्थिति ने दर्शकों को बांध कर रखा था, वहीं इस बार फिल्म का मुख्य भूत, Sar Kata, उस स्तर का प्रभाव छोड़ने में असफल रहता है। फिल्म में एक बड़े डरावने भूत के होने का दावा किया गया है, लेकिन उसके दृश्य प्रभाव उतने डरावने नहीं हैं जितने कि होने चाहिए। इसके अलावा, फिल्म में कई स्थानों पर कहानी धीमी पड़ती है, जिससे दर्शकों का धैर्य टूटने लगता है।

हास्य का प्रभाव: मजेदार लेकिन सीमित

Stree 2 में हास्य का एक महत्वपूर्ण तत्व है, और इसके लिए फिल्म की सराहना की जानी चाहिए। Pankaj Tripathi, Rajkummar Rao, और Aparshakti Khurana की कॉमिक टाइमिंग शानदार है। फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जो आपको हंसाने में सफल होते हैं, खासकर Rudra Bhaiya द्वारा की गई पुरानी कहावतों और विचित्रताओं से जुड़े जोक।

लेकिन, फिल्म का हास्य कहीं-कहीं पुराना और अनावश्यक महसूस होता है। जैसे कि Bittu की गर्लफ्रेंड का नाम Chitti और Rudra Bhaiya द्वारा प्राप्त एक चिट्ठी के नाम को लेकर की गई बातें। ये जोक्स पुराने जमाने के हैं और फिल्म में उनका प्रभाव उतना जोरदार नहीं है।

डर का अभाव: हॉरर तत्व की कमी

जहां पहली फिल्म ने दर्शकों को डराने में कामयाबी हासिल की थी, वहीं Stree 2 इस मामले में कमजोर साबित होती है। फिल्म में डरावने दृश्यों की कमी है और Sar Kata Purush के रूप में जो भूत दिखाया गया है, वह उतना प्रभावी नहीं है।

फिल्म का केंद्रीय भूत Sar Kata, जो कि पुरुषवादी सोच का प्रतीक है, औरतों पर आतंक मचाने के उद्देश्य से आता है। हालांकि, फिल्म इस भूत के डर को भली-भांति स्थापित करने में असफल रहती है। फिल्म का शुरुआती दृश्य, जहां यह भूत पहली बार दिखता है, उसके बाद दर्शकों को डराने के लिए कुछ खास नहीं होता।

प्रदर्शन: कलाकारों का शानदार काम

फिल्म के कलाकारों का प्रदर्शन इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है। Rajkummar Rao, Pankaj Tripathi, Shraddha Kapoor, और Aparshakti Khurana ने अपने किरदारों में जान डाल दी है। विशेष रूप से Pankaj Tripathi का काम सराहनीय है, जिन्होंने अपने रोल में हास्य और गंभीरता दोनों का बेहतरीन तालमेल बिठाया है।

Shraddha Kapoor की रहस्यमयी लड़की के किरदार में ज्यादा विकास नहीं दिखता, लेकिन उन्होंने अपने रोल को अच्छी तरह निभाया है। Rajkummar Rao भी अपने रोल में पूरी तरह से डूबे हुए नजर आते हैं और उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे किसी भी भूमिका में ढल सकते हैं।

Stree 2 का निष्कर्ष

Stree 2 एक मनोरंजक फिल्म है जो आपको हंसाने में सफल होती है, लेकिन अगर आप इसे डरावनी फिल्म के रूप में देख रहे हैं तो आपको निराशा हो सकती है। फिल्म में हास्य है, अच्छे कलाकारों का शानदार प्रदर्शन है, लेकिन इसके बावजूद फिल्म अपनी पुरानी चमक को वापस लाने में असफल रहती है। फिल्म की कहानी में नवाचार की कमी है और कई जगहों पर यह बहुत धीमी हो जाती है।

फिल्म का केंद्रीय विषय, जो पुरुषवादी सोच और औरतों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को उजागर करता है, महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था। Rating: 2.5/5


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