November 21, 2024

विदेश मे रह कर भी ये शिक्षिका, 8 साल से ले रही है वेतन

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तंत्र की पोल खोल ते हुए कारनामे

देश के विभिन्न राज्यों में घटने वाली घटनाएं अक्सर उस राज्य के प्रशासनिक तंत्र की सच्चाई को उजागर करती हैं। बिहार में आए दिन गिरने वाले पुल यह साबित करते हैं कि पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) किस प्रकार काम कर रहा है। इसी तरह की एक घटना गुजरात से सामने आई है, जो राज्य के शिक्षण तंत्र की पोल खोल देती है।

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दांता तालुका का मामला

यह मामला बनासकांठा जिले के अंबाजी के पास स्थित एक सरकारी स्कूल का है। यहां की एक शिक्षिका अमेरिका में रहती हैं, लेकिन वो इस स्कूल में टीचर के पद पर भी कार्यरत हैं। दिलचस्प बात यह है कि वो यहां से वेतन भी ले रही हैं। सवाल उठता है कि क्या स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव हो सकता है? जांच में पता चला है कि जब भी वह चाहती हैं, तो 10 महीने के बाद दिवाली के मौके पर भारत आती हैं और फिर 21 दिनों की छुट्टी भी लेती हैं। बनासकांठा जिले के अंबाजी स्थित इस स्कूल में अमेरिका में रहने वाली और पढ़ाने वाली इस शिक्षिका की धोखाधड़ी उजागर होने के बाद, जिम्मेदार एजेंसी के पास अब कोई जवाब देने लायक स्थिति नहीं बची है। यह शिक्षिका दो महीने भारत में रहती हैं और 10 महीने अमेरिका में।

यह सनसनीखेज मामला बनासकांठा जिले के दांता तालुका के अंबाजी के पास स्थित पांचा प्राथमिक स्कूल का है। स्कूल की शिक्षिका भावना पटेल पिछले आठ साल से अमेरिका में रहती हैं। वह स्कूल में शायद ही कभी आती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भावना पटेल के पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है, फिर भी उनका नाम इस सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में दर्ज है। स्कूल के बोर्ड पर भी उनके नाम का उल्लेख है। आरोप है कि इस बारे में कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। स्कूल के इंचार्ज शिक्षक का कहना है कि यह शिक्षिका हर साल सिर्फ दिवाली के समय भारत आती हैं और उस दौरान की छुट्टियों के लिए भी वेतन लेती हैं।

एक अन्य शिक्षिका का कहना है कि उन्होंने इस शिक्षिका का नाम ही सुना है, लेकिन दो साल में कभी उन्हें देखा नहीं।


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