May 15, 2024

Voyager 1 ने 5 महीने बाद पहली बार भेजे Earth पर ये Data

Share

voyager-1-sends-data-back-to-earth-for-the-first-time-in-five-months
voyager-1-sends-data-back-to-earth-for-the-first-time-in-five-months

NASA वाले आए दिन कुस ना कुस नया करते रहते हैं । हालही मे ही नासा के द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान ने कई सारी जरूरी जानकारी भेजी है । आखिर कार पाँच महीनों के बाद इस यान ने कई सारी जरूरी जानकारिया भेज रहा है। मानव के द्वारा बनाई गई यानि की मानव निर्मित यह यान पृथ्वी के सबसे दूर है। इस उपकरण ने 20 April 2024 को अभियांत्रिकी से जुड़े टेलीमीटरी सिग्नल भेजने आरम्भ कर दिए। नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के इंजीनियरों ने नवंबर 2023 से यान से Nonsensical (अर्थहीन) डाटा मिलने की समस्या को सुलझाने के लिए एक उपाय ढूंढ लिया था। जो भविष्य मे काफी काम आ सकता है।

इस उपकरण को बनाते समय ओर बनाने के बाद भी कई सारी समस्याओ का सामना भी करना पड़ा था , ओर आखिर अंत मे इन सारी प्रॉब्लेम्स का समाधान ढूंढ लिया गया। इसमे एक समस्या वॉयेजर-1 के ऑनबोर्ड कंप्यूटर में मौजूद एक चिप से जुड़ी थी। यह चिप यान के सॉफ्टवेयर कोड के एक हिस्से को स्टोर करने के लिए जिम्मेदार थी, जिसमें वह कोड भी शामिल है जो वैज्ञानिक और अभियांत्रिकी डाटा को वापस पृथ्वी पर भेजने के लिए उसे फॉर्मेट और कंप्रेस करता है। जब चिप खराब हो गई, तो उसने डाटा को बेकार बना दिया।

NASA के इंजीनियर JPL इंजीनियर चिप की मरम्मत नहीं कर सके, लेकिन वे एक उपाय खोजने में सफल रहे। इस उपाय के तहत प्रभावित कोड को अंतरिक्ष यान की मेमोरी के एक अलग हिस्से में संग्रहीत किया गया। इसके लिए सावधानीपूर्वक योजना और समन्वय की आवश्यकता थी, क्योंकि कोड को कई खंडों में विभाजित करना और विभिन्न स्थानों में संग्रहीत करना पड़ता था।

अभियांत्रिकी टेलीमीटरी का सफल प्रसारण वॉयेजर-1 मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है । यह दर्शाता है कि यान अभी भी स्वस्थ है और इंजीनियर एक महत्वपूर्ण तकनीकी चुनौती को पार करने में सक्षम रहे हैं। अगला कदम वैज्ञानिक डाटा के प्रसारण को बहाल करना है।

NASA ने Voyager 1 को 1977 में लॉन्च किया था और तब से यह एक ही काम कर रहा है ओर बाहरी सौर मंडल का पता लगा रहा है। 2012 में, यह अंतरतारकीय अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाला पहला मानव-निर्मित वस्तु बन गया। यह अंतरिक्ष यान वर्तमान में पृथ्वी से लगभग 15 बिलियन मील (24 बिलियन किलोमीटर) दूर है और लगभग 38,000 मील प्रति घंटे (61,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से यात्रा कर रहा है।

Voyager 1 Mission मानव की सरलता और दृढ़ता का प्रमाण है। इस यान ने सौर मंडल और उससे आगे के बारे में अभूतपूर्व खोजें की हैं, और यह हमें सितारों तक पहुँचने के लिए प्रेरित करना जारी रखता है।

वॉयेजर-1 मिशन: के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी

  • Voyager 1 अंतरिक्ष यान ने अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक खास स्थान बना लिया है।
    5 सितम्बर, 1977 को फ्लोरिडा स्थित केप कैनावेरल वायुसेना स्टेशन से वॉयेजर-1 को लॉन्च किया गया था।
  • यह अपनी जुड़वा अंतरिक्ष यान,Voyager 2 से दो हफ्ते पहले रवाना हुआ था।
  • अपने मिशन के दौरान, Voyager 1 ने 1979 में बृहस्पति और 1980 में शनि ग्रह के पास से उड़ान भरी, इन ग्रहों और उनके चंद्रमाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठी की।
  • Voyager 1 की यात्रा का एक निर्णायक क्षण 25 अगस्त, 2012 को आया, जब यह मानव द्वारा बनाई गई पहली वस्तु बना, जिसने अंतरतारकीय अंतरिक्ष में प्रवेश किया। यह वह क्षेत्र है जहां हमारा सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है और अंतरिक्ष का नया, अनछुआ हुआ वातावरण शुरू होता है।
  • वर्तमान में, Voyager 1 पृथ्वी से लगभग 15 बिलियन मील (24 बिलियन किलोमीटर (voyager 1 distance from earth) दूर है और लगभग 38,000 मील प्रति घंटे (61,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से यात्रा कर रहा है।
  • यह यान प्लूटोनियम-238 रेडियोआइसोटोप थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर (RTG) द्वारा संचालित है, जो रेडियोधर्मी क्षय से गर्मी को बिजली में परिवर्तित कर के यान को ऊर्जा प्रदान करता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि Voyager 1 आने वाले कई वर्षों तक संचालन जारी रख सकता है, जो इस अविश्वसनीय मिशन की दीर्घायु का प्रमाण है।

अंतिम विचार

Voyager 1 मिशन मानव जिज्ञासा और अन्वेषण की भावना का एक प्रतीक है। इसने हमें हमारे सौर मंडल के रहस्यों को उजागर करने में मदद की है और हमें ब्रह्मांड के विशाल विस्तार के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। भविष्य में, वॉयेजर-1 का डेटा वैज्ञानिकों को दूर के अंतरिक्ष वातावरण को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता रहेगा।


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *